
१. चिन्यालीसौड़ और गौचर एयरस्ट्रिप का संचालन
- उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ और चमोली जिले के गौचर की “हवाई पट्टियों” (एयरस्ट्रिप) का संचालन अब भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा किया जाएगा। इससे ये सीमांत क्षेत्र रणनीतिक और नागरिक दृष्टि दोनों से सुदृढ़ होंगे।
२. पिथोरागढ़ हवाई अड्डे का विकास और संचालन
- पिथोरागढ़ एयरपोर्ट (Naini–Saini) का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा किया जाएगा।
- इस हवाई अड्डे के लिए ₹450 करोड़ की विस्तार योजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है।
- वर्तमान में यह एयरपोर्ट यात्रियों और विमानों के लिए बेहद सीमित था, लेकिन अब इसे व्यापक विस्तार, नए टर्मिनल, रनवे विस्तार आदि सहित विकसित किया जा रहा है।
३. गुंजी (Gunji) में नई एयरस्ट्रिप
- गुंजी में एक किमी लंबी नई हवाई पट्टी प्रस्तावित की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य आदि कैलाश क्षेत्र का बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करना है। इसका तकनीकी मार्गदर्शन IAF द्वारा किया जाएगा।
४. हेलीकॉप्टर सेवाएँ — UDAN योजना के अंतर्गत
- हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है:
- पिथोरागढ़—मुंसीयारी, पिथोरागढ़—धारचूला जैसे मार्गों पर सेवाएँ Heritage Aviation द्वारा संचालित की जाएँगी।
- UDAN स्कीम के अंतर्गत, दिल्ली-पिथोरागढ़ सहित अन्य घरेलू उड़ानों के लिए प्रोत्साहन और समर्थन केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

सारांश तालिका
क्षेत्र | विवरण |
---|---|
चिन्यालीसौड़, गौचर | संचालन: IAF द्वारा — नागरिक और सामरिक दोनों दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण |
पिथोरागढ़ एअर्पोर्ट | विस्तार: ₹450 करोड़; संचालन: AAI—उन्नत सुविधाएँ होंगे |
गुंजी (Airstrip) | 1 किमी की नई पट्टी प्रस्तावित—IAF तकनीकी सहयोग |
हेलीकॉप्टर सेवा | UDAN योजना के अंतर्गत व्यापक heli-connectivity |
निष्कर्ष और दृष्टिकोण
यह निर्णय उत्तराखंड के सीमांत और दुर्गम इलाकों को नागरिक और सामरिक रूप से सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण कदम है:
- सामरिक दृष्टिकोण से, IAF द्वारा संचालित एयरस्ट्रिप्स सेना की तत्परता और सीमा सुरक्षा को बढ़ाएंगे।
- नागरिक दृष्टिकोण से, पिथोरागढ़ सहित अन्य स्थानों की बेहतर वायुमार्गीय सुविधा से पर्यटन, तीर्थाटन और स्थानीय व्यापार को बड़ा लाभ होगा।